उदयपुर। कवि गौरव चौहान की विवादित कविता ने राजपूत समाज में मानो आग लगा दी है। जयपुर के अधिवक्ता विरेंद्र सिंह हुड़ील ने इस मुद्दे पर गंभीर आरोप लगाते हुए खुलासा किया कि गौरव चौहान ने यह कविता शैलेश लोढ़ा और उदयपुर के लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के कहने पर मंच से पढ़ी थी। गौरव ने तो अपनी फेसबुक पोस्ट में भी इस मुलाकात का जिक्र किया था, ताकि वक्त आने पर सच सामने रहे।
काव्यपाठ के दौरान मंच पर मौजूद लक्ष्यराज सिंह ने कविता सुनते ही जोरदार ताली बजाई और गौरव को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया, जो कि सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इससे राजपूत समाज में नाराजगी और बढ़ गई है, और लोग सवाल कर रहे हैं कि अगर गौरव चौहान से माफी की मांग की जा रही है, तो फिर शैलेश लोढ़ा और लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ भी अपने हिस्से की जिम्मेदारी लेकर माफी मांगेंगे या नहीं।
इस मामले को लेकर समाज के लोग अब जयपुर और उदयपुर के बीच बढ़ते तनाव को लेकर भी चिंतित हैं। कई लोगों का मानना है कि ये मामला सिर्फ कविता तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें जयपुर राजघराने की प्रतिष्ठा पर चोट पहुंचाने की कोशिश है।
राजपूत समाज में इस वक्त गुस्से की लहर है, और सभी को उम्मीद है कि इस विवाद पर जल्दी ही कुछ ठोस जवाब मिलेंगे।