प्रयागराज | महाकुंभ में श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ करने वाले पुलिसकर्मी की शर्मनाक हरकत सामने आई है। मौनी अमावस्या के दिन सोरांव थाना प्रभारी ब्रजेश तिवारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें वे भंडारे के प्रसाद में राख और मिट्टी मिलाते हुए दिख रहे हैं।
क्या था मामला?
मौनी अमावस्या के मौके पर लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करने पहुंचे थे। प्रतापगढ़-प्रयागराज मार्ग पर भारी भीड़ और जाम को देखते हुए मलाक चतुरी गांव में स्थानीय लोगों ने प्रसाद वितरण का आयोजन किया था। मगर तभी वहां पहुंचे थाना प्रभारी ब्रजेश तिवारी ने प्रसाद में राख डाल दी, जिससे सारा भोजन बर्बाद हो गया।
वीडियो वायरल होते ही बढ़ा हंगामा
घटना का नौ सेकेंड का वीडियो वायरल होते ही श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश फैल गया। लोगों ने पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाते हुए आरोपी थाना प्रभारी को तुरंत बर्खास्त करने की मांग उठाई।
पुलिस की कार्रवाई—सिर्फ निलंबन?
घटना के बाद पुलिस उपायुक्त (गंगापार) कुलदीप सिंह गुनावत ने तत्काल प्रभाव से थाना प्रभारी ब्रजेश तिवारी को निलंबित कर दिया और विभागीय जांच शुरू कर दी गई। लेकिन जनता सिर्फ निलंबन से संतुष्ट नहीं है। लोग सवाल कर रहे हैं कि ऐसी घिनौनी हरकत के बाद भी पुलिसकर्मी को सिर्फ निलंबित क्यों किया गया?
जनता की मांग—तुरंत बर्खास्ती और सख्त सजा!
श्रद्धालुओं का कहना है कि आस्था से जुड़ी इस तरह की हरकत को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। सोशल मीडिया पर लोग इस पुलिसकर्मी की बर्खास्तगी और कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
पुलिस प्रशासन के मुताबिक, विभागीय जांच जारी है और दोषी पाए जाने पर आगे की कड़ी कार्रवाई होगी। लेकिन जनता के आक्रोश को देखते हुए यह मामला और गंभीर हो सकता है।
महाकुंभ की पवित्रता पर दाग
महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजन में इस तरह की घटना से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। प्रशासन को अब यह तय करना होगा कि दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की हरकत करने से पहले सौ बार सोचे!