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सुनील दत्त गोयल : शहरों का दम घोंट रहे इंडस्ट्रियल इलाके, कब तक नजरअंदाज करेगी सरकार?

जयपुर: शहरों में दिन-ब-दिन बढ़ते ट्रैफिक, प्रदूषण और भीड़-भाड़ से हर कोई परेशान है। खासकर जब शहरों के बीच बसे पुराने इंडस्ट्रियल इलाके प्रदूषण के बड़े केंद्र बनते जा रहे हैं। इस मुद्दे पर इंपीरियल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के महानिदेशक सुनील दत्त गोयल ने हाल ही में अपनी बात रखी है। उनका मानना है कि इन इंडस्ट्रियल इलाकों को अब शहरों के बाहर शिफ्ट करना बेहद जरूरी है।

सुनील दत्त गोयल ने कहा, “आजकल के शहरों में ट्रैफिक और प्रदूषण का बड़ा कारण यही इंडस्ट्रियल इलाके हैं, जो कभी शहरों के बाहर हुआ करते थे, लेकिन अब शहर के बीचों-बीच आ गए हैं। सरकार को अब इसे गंभीरता से लेना चाहिए और इन क्षेत्रों को शहरी इलाकों से बाहर ले जाना चाहिए ताकि शहर की जनता को प्रदूषण और भीड़ से राहत मिल सके।”

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि शहरों के भीतर फैले इन उद्योगों के कारण न सिर्फ हवा खराब हो रही है, बल्कि लोगों की सेहत भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। “सरकार कब तक इसे नजरअंदाज करेगी? अब वक्त आ गया है कि सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाए,” सुनील दत्त गोयल ने कहा।

कौन हैं सुनील दत्त गोयल?

अब सवाल उठता है कि आखिर ये सुनील दत्त गोयल हैं कौन, जिनकी बातें इतनी चर्चा में हैं?

सुनील दत्त गोयल का जन्म 13 अगस्त 1965 को अलवर, राजस्थान में हुआ। उनके पिता श्री दुर्गा प्रसाद गोयल अलवर में सराफा व्यापारी हैं और उनकी माता शीला गोयल एक गृहिणी हैं। गोयल के तीन भाई और एक बहन हैं। उन्होंने 1981 में शेयर बाजार में दिलचस्पी ली और 1983 में अपने करियर की शुरुआत एक शेयर बाजार कंसल्टेंट के रूप में की।

1992 में जयपुर आने के बाद उन्होंने शेयर बाजार में अपनी पकड़ मजबूत की और जयपुर स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड के निर्देशक बने। 1997 में, महज 30 साल की उम्र में, वे इस एक्सचेंज के वाइस प्रेसिडेंट बन गए। इसके बाद उन्होंने कई बड़े आर्थिक और व्यावसायिक प्रोजेक्ट्स में अहम भूमिका निभाई।

2017 में, उन्होंने इंपीरियल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की स्थापना की, जिसका उद्देश्य छोटे व्यापारियों और उद्यमियों की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाना था। इसके अलावा, उन्होंने रोटरी क्लब जयपुर राउंडटाउन में भी कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है और वर्तमान में जोन कॉर्डिनेटर के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

सुनील दत्त गोयल का मानना है कि सरकार और व्यापारियों के बीच संवाद बेहद जरूरी है, और उन्होंने अपने संगठन के जरिए हजारों व्यापारियों को इसका लाभ दिलाया है। उनके नेतृत्व में, कई छोटे व्यापारियों को सरकारी योजनाओं और नीतियों का फायदा मिला है।

अंत में, यह साफ है कि सुनील दत्त गोयल न सिर्फ व्यापार जगत में एक महत्वपूर्ण चेहरा हैं, बल्कि शहरी विकास और पर्यावरण के मुद्दों पर भी उनका नजरिया काफी स्पष्ट और मजबूत है। अब देखना यह होगा कि उनकी इस पहल पर सरकार कब ध्यान देती है।