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रजत जैन : घर का खाना सुरक्षित लेकिन आदतें नहीं – क्या हम अपने ही खानपान से खुद को बीमार बना रहे हैं?

जयपुर – “घर का खाना हमेशा से सेहतमंद माना गया है, लेकिन क्या यह सोच सही है?” जयपुर के डायटीशियन रजत जैन ने हाल ही में अपने 60 दिन के अनोखे प्रयोग के नतीजों से सबको चौंका दिया है। उनका मानना है कि सिर्फ घर का खाना खाने से ही सेहत ठीक नहीं रहती, बल्कि इसे कैसे खाया जा रहा है, यह भी बेहद महत्वपूर्ण है।

क्या है रजत जैन का प्रयोग?

रजत जैन ने खुद को 60 दिन के लिए एक ‘आम आदमी’ की तरह जीवनशैली में ढाल लिया, जिसमें उन्होंने अपने हेल्दी फूड और नियमित एक्सरसाइज़ छोड़ दी और उन आदतों को अपनाया, जिन्हें अक्सर लोग नॉर्मल समझते हैं। इस दौरान उन्होंने जंक फूड, चाय-बिस्किट, बिना समय के खाने, और बिना एक्सरसाइज़ के अपना रूटीन सेट किया। परिणामस्वरूप, उनकी सेहत में ऐसे बदलाव देखने को मिले जिनसे हर कोई हैरान रह गया। उनका वजन 7 किलो बढ़ गया और थकान, सुस्ती, और ब्लड शुगर में भी बढ़ोतरी हुई।

“आदतें कैसे बना रही हैं बीमार”

रजत जैन का कहना है कि “मेरा मानना है कि सिर्फ घर का खाना खाने से सेहत का ख्याल नहीं रखा जा सकता। ये जरूरी है कि हम कब, कैसे और कितनी मात्रा में खा रहे हैं। गलत टाइमिंग, जरूरत से ज्यादा स्नैकिंग, और पोषक तत्वों की कमी लंबे समय में हमारी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है।” उनके अनुसार, आजकल की जीवनशैली में हम घर का खाना तो खाते हैं, लेकिन सही तरीके से नहीं, और यहीं से शुरू होती है सेहत की गड़बड़।

क्या हो सकते हैं नुकसान?

रजत के इस प्रयोग के बाद उनके ब्लड टेस्ट में कई बदलाव देखने को मिले। HBA1C और ट्राइग्लिसराइड्स में वृद्धि, विटामिन D और B12 की कमी, और यहां तक कि पाचन से जुड़ी समस्याएं भी सामने आईं। यह संकेत है कि बिना सोचे-समझे खाने से हमारी बॉडी में कई नेगेटिव इफेक्ट्स हो सकते हैं।

सोशल मीडिया पर मचा हंगामा

रजत जैन के इस प्रयोग ने सोशल मीडिया पर एक बहस छेड़ दी है। कुछ लोग इसे जरूरी चेतावनी मान रहे हैं और सोचने पर मजबूर हैं कि वे खुद अपनी आदतों से कैसे नुकसान पहुंचा रहे हैं। वहीं, कुछ लोग इसे ओवररिएक्शन भी मानते हैं।

सीख क्या है?

रजत का यह प्रयोग हमें यह बताता है कि सेहत सिर्फ खाना बनाने से नहीं, बल्कि इसे सही तरीके से खाने से जुड़ी होती है। हमें अपने खानपान की आदतों पर ध्यान देना चाहिए और सोच-समझकर खाना चाहिए।

तो क्या करें?

अगर हम चाहते हैं कि हम और हमारी आने वाली पीढ़ियाँ सेहतमंद रहें, तो शायद वक्त आ गया है कि हम सिर्फ “घर का खाना” के भरोसे न रहें, बल्कि इसे सही तरीके से खाने का नियम अपनाएँ।