
गोवा, 7 मार्च – गोवा की धरती सिर्फ बीच और पार्टी के लिए नहीं, बल्कि आस्था और अध्यात्म का भी केंद्र बन रही है! गोवा स्पिरिचुअल फेस्टिवल 2025 का आगाज भव्य तरीके से हुआ, और इसकी सबसे बड़ी झलक मिली लइराई माता के दरबार में, जहां आस्था की धधकती अग्नि देखकर भक्तों की श्रद्धा चरम पर पहुंच गई।
लइराई माता का दिव्य दरबार: भक्तों की भारी भीड़
लइराई माता के मंदिर में भक्तों का भारी जनसैलाब उमड़ा। आग की लपटों के बीच भी श्रद्धालु बिना किसी डर के आगे बढ़ते गए, मानो खुद माता का आशीर्वाद उन्हें शक्ति दे रहा हो। गोवा के लोकल भक्तों से लेकर दूर-दराज़ से आए श्रद्धालुओं तक, हर कोई इस दिव्य माहौल में डूबा हुआ दिखा।

गोवा सिर्फ भोग भूमि नहीं, बल्कि योग भूमि भी है!
इस आयोजन में गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत और अन्य मंत्रियों ने भी शिरकत की और श्री दत्त पद्मनाभ पीठ के प्रयासों की सराहना की। सद्गुरु ब्रह्मेशानंदाचार्य जी ने कहा, “गोवा सिर्फ एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन नहीं, बल्कि एक पवित्र योग भूमि भी है। हमें इसे इसकी असली पहचान दिलानी है।”
श्रद्धा शिरोडकर ने बताया गोवा के मंदिरों का सच
समाजसेवी श्रद्धा शिरोडकर ने इस मौके पर लोगों को याद दिलाया कि गोवा की पवित्र भूमि को नुकसान पहुंचाने के कई प्रयास किए गए थे। उन्होंने कहा, “हमारे मंदिरों, धर्म और संस्कृति को खत्म करने की कोशिशें हुई थीं, लेकिन अब हम अपनी जड़ों की तरफ लौट रहे हैं।”
9 मार्च को महासागर आरती, भक्तों का होगा महासंगम!
अब सबकी नजरें 9 मार्च को होने वाली महासागर आरती पर हैं, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत, राज्यपाल और कई बड़े नेता भी शामिल होंगे। यह आरती समुद्र किनारे होगी, जहां भक्त अपनी श्रद्धा की लहरों को सागर से जोड़ेंगे।
गोवा बन रहा है आस्था और अध्यात्म का केंद्र
10 मार्च तक चलने वाले इस स्पिरिचुअल फेस्टिवल में और भी कई बड़े कार्यक्रम होंगे। लोग वेद पाठ, भजन संध्या और आध्यात्मिक प्रवचनों का आनंद ले पाएंगे।
इस भव्य आयोजन ने साफ कर दिया है कि गोवा सिर्फ मस्ती और मौज का नहीं, बल्कि आस्था और अध्यात्म का भी बड़ा केंद्र बनने जा रहा है!